गुजरात के दाहोद जिले में झारीबुझी गांव में रहने वाले आदिवासी रामसिन्ह और कानू की शादी को 18 साल हो चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनका 16वां बच्चा लड़का होगा। पुत्र पाने के चक्कर में इस सीमांत किसान के 12 जीवित लड़कियां हो गई हैं, जबकि दो की मौत हो चुकी है। हालांकि इनके पास एक लड़का पहले से ही है जिसका जन्म जन्म वर्ष 2013 में हुआ था। मगर, रामसिन्ह एक और पुत्र की लालसा की अपनी जिद छोड़ने को तैयार नहीं है। उसकी पत्नी कानू चाहती हैं कि वह अपना गर्भाशय निकलवा दे क्योंकि उनका शरीर कमजोर हो गया है और वह अब एक और गर्भावस्था के लिए तैयार नहीं हैं।
Monday 10 August 2015
बेटे की चाहत में हो गई 12 लड़कियां
गुजरात के दाहोद जिले में झारीबुझी गांव में रहने वाले आदिवासी रामसिन्ह और कानू की शादी को 18 साल हो चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनका 16वां बच्चा लड़का होगा। पुत्र पाने के चक्कर में इस सीमांत किसान के 12 जीवित लड़कियां हो गई हैं, जबकि दो की मौत हो चुकी है। हालांकि इनके पास एक लड़का पहले से ही है जिसका जन्म जन्म वर्ष 2013 में हुआ था। मगर, रामसिन्ह एक और पुत्र की लालसा की अपनी जिद छोड़ने को तैयार नहीं है। उसकी पत्नी कानू चाहती हैं कि वह अपना गर्भाशय निकलवा दे क्योंकि उनका शरीर कमजोर हो गया है और वह अब एक और गर्भावस्था के लिए तैयार नहीं हैं।
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