Tuesday 31 January 2017

पैसा नहीं, इंसान कमाता है जोधपुर का टैलेंट!



मानता हूं यह पहले नहीं जान पाया, कौन सी प्रतिभा छुपी थी उसमें... कुछ वक्त गुजरा तो सिद्ध होने लगा, उसमें एक अनूठी कल्पना है। दूर से मंजिल उसे इशारा कर रही है, कुछ बोल रही है... वो भी उस मंजिल की गूंज सुन सिहर उठी है। तभी वह अपनी मंजिल की ओर निकल पड़ी… यह सिद्ध करने कि ‘कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, जीतता वही है जो डरा नहीं होता।’ क्या गीत, क्या एंकरिंग और क्या चित्रकारी... ये प्रतिभाएं ऐसी हैं, जो भी उसमे देख ले वो सम्मोहित हो जाए। अगर मैं अपने शब्दों में कहूं तो बस इतना कहूंगा... “जिसकी धुन पर दुनिया नाचे ये वो एक सितारा है... झूम उठेगी सारी दुनिया ऐसा टैलेंट तुम्हारा है।“

पैसा हर कोई कमाता है लेकिन ये जोधपुर (राजस्थान) का वो टैलेंट है जो इंसान कमाता है। मैं ऐसा इसलिए मानता हूं क्योंकि जिसका टैलेंट मैंने देखा है उसका मन पैसों के मोह में उलझना नहीं चाहता, बल्कि वह खुद की लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाना चाहती है। तीसरी मुलाकात में जितना भी उसे जाना... उसकी आंखों में... खुद के सपने थे, जीवन में कुछ कर दिखाने की चाह थी और लोगों के प्रति स्नेह-उल्लास की भावना थी।

मेहनत, हिम्मत और लगन ऐसी कि मानों उसके रास्ते के पत्थर किसी को हटाने की जरूरत नहीं। खुद में इतना दम रखती है... ‘जिस काम में दिल लगा ले उसे वह सोना बना दे।’ मेरे बोल भले ही बड़े लग रहे हो लेकिन जोधपुर की उन गलियों में जाकर देखों... जहां की हर राह यह कहती है... “इस लड़की की आवाज़ ही इसकी पहचान है।“

आज यहां जो भी इसे सुनता है या देखता है उसके मन में एक आस ऐसी जरूर होगी... ‘स्वर, पद और ताल का मिलन अगर देखने जाओ, तो इसकी में आवाज में खो जाओ।’ मैं उन मां-बाप के आदर्शों को प्रणाम करता हूं जिन्होंने बेटी को ऐसी सर्वगुण संपन और निस्वार्थ होने की प्रेरणा दी है।